Wednesday, December 29, 2010

क्या खिलाये ?

नए माता पिता को अक्सर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है की वो अपने छोटे से बच्चे को क्या दे? किस उम्र से दे ? कोनसा ठोस खाना अच्छा रहेगा और क्या न दे ?  आज हम बच्चो के खाने के बारे मे चर्चा करेगे.
 किस उम्र से दे ?
शिशु खाद्य पदार्थों की एक विस्तृत श्रृंखला खा सकते हैं, लेकिन उनकी छोटी पाचन प्रणाली वयस्क लोगो की तरह तैयार नहीं होती है. इसलिए कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाना चाहिए. नई खाद्य वस्तु विशेष उम्र में शुरू कि जानी  चाहिए. कम से कम चार या छह महीने की उम्र तक किसी भी तरह का ठोस भोजन पेश नहीं किया जाना चाहिए.जब शिशु अपना सर ऊपर उठाने लगे तो समझ ले की वो अब ठोस आहार के लिए तैयार हो गया है. अलग अलग बच्चे अलग अलग समय पैर ठोस खाने के लिए तैयार होते है . कुछ को खाने का स्वाद अच्छा लगने मे समय लगता है. लिकिन किसी भी शिशु को ४ महीने से पहले ठोस आहार न दे. ६ महीने की उम्र मे बच्चो को लोहा (iron) की अधिक मात्र चाहिए होती है जो की केवल माँ के दूध से पूरी नहीं हो सकती. अगर आप अपने बच्चे पर धयान रखेगे तो आपको अपने आप ही मालूम चल जायेगा की कब आपका बच्चा ठोस आहार के लिए तैयार होता है. 
क्या दे ?
आप बच्चे को अगर समय से पहले ठोस खाना देने की कोशिश करते है तो बच्चा उस खाने के लिए एलर्जी (allergic) हो सकता है. आप उबला हुए चावल को माँ के दूध या बच्चो के लिए बाज़ार के फ़ॉर्मूला वाले दूध के साथ शुरुवात कर सकते है. माँ का दूध बच्चे को स्वाद मे आये बदलाव को कम कर देता है और शिशु की खाने मे रूचि बढ़ता है. आप इस बात का ध्यान रखे की बच्चे को रबड़ या रबड़ जैसी चमच से ही खिलाये , यह बच्चे के नाजुक मसुडो को नुकसान नहीं देगा. बच्चो को यह सिखने मे समय लगता है की वो कैसे चबाये और कैसे निगले . एक बार यह सब सिखने के बाद आप अपने शिशु को दिन मे २-३ बार ठोस आहार दे पायेगे. 
जब शिशु चावल खाना सिख जाये तो आप उबली दाल, उबली सब्जियों का पानी दे सकते है. कुछ और बड़ा होने पर आप छोटे छोटे कटे हुए फल और सब्जी के टुकड़े भी दे सकते है , लेकिन धयान रहे की टुकड़े इतने छोटे हो की बच्चे के गले मे न फसे.    
क्या न दे ?
फल का जूस छोटे बच्चो को १०० मी ली ग्राम से अधिक न दे और बड़े बच्चो को २०० मी ली ग्राम से अधिक न दे . जयादा जूस बच्चो की भूख को कम करता है, वजन बढ़ता है , दस्त और दांतों की बीमारिया का कारण होता है . जहा तक हो सके बच्चो को साबुत फल खाने के लिए प्रेरित करे.   
11 महीने की उम्र तक आप बच्चे को अंडे नहीं दे सकते.
1 साल की उम्र तक आप गाए का दूध बच्चो को नहीं दे सकते ( धर्म अपनी जगह सही है , लेकिन गाए के दूध मे लोहा नहीं होता)
9 -12 महीने तक आपको बच्चे को दही नहीं देना चाहिए .अगर बच्चे को अस्थमा या परिवार मे किसी हो अस्थमा या कोई और एलर्जी (allergic) है तो बचे को १ साल की उम्र तक आपको सभी  दूध से बने पदार्थो से दूर रखे.
 

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