Sunday, August 8, 2010

लालन पालन - नवजात शिशु से वार्ता

बच्चे रोने की क्षमता के साथ जन्म लेते हैं, यह बच्चो के लिए संवाद है. आप के बच्चे आम तौर पर रो कर आपको बताना चाहते है कि कुछ गलत हो गया है : खाली पेट, गीला, ठं डे पैर, थक जाना , या और कोई जरूरत होने , आदि पर रोता है

जल्द ही आप यह पहचान करने में सक्षम हो जायेगे की आपके बच्चे की क्या जरूरत है और कभी कभी बच्चे के रोने के प्रकार से पहचाना जा सकता है - उदाहरण के लिए, "मैं भूखा हूँ" रो ना छोटी और कम आवाज मै हो सकता है, जबकि "मैं परेशान हूँ" जोर की आवाज मै लग सकता है ।

आप का बच्चा
दुनिया की आवाजो से भी रो सकता है, या फिर बिना किसी स्पष्ट कारण के भी रो सकता है. आप परेशान न हो.

बच्चे का रोना बच्चे की वार्ता करने की मुख्य विधि है, लेकिन , और भी अधिक सूक्ष्म रूपों में वार्ता करने मे सक्षम है। आप इन्हें सीख कर उन्हें पहचान कर अपने बच्चे के साथ अपने बंधन को मजबूत कर सकते हैं.

एक नवजात शिशु एक मानव आवाज और अन्य ध्वनियों की ध्वनि के बीच अंतर कर सकते हैं। आप अपने बच्चे से बाते करे और देखें कैसे आपका नवजात आपकी आवाज, पर
ध्यान देने की कोशिश करता है और आपको जवाब देता है .

यदि आपके बच्चे अपने पलंग में रो रहे हो तो देखो कितनी जल्दी आपकी आवाज आने पर वो चुप हो जाते है। कैसे आपका बच्चा आपके प्यार भरे स्वर में बात करने पर देअखता और सुनता है। जब आप दूरी से आ रहे हो , या दूरी से आपकी आवाज आ रही हो तो भी बच्चे आपकी आवाज को पहेचान लेते है और ध्यान देते है। बच्चे शरीर की स्थिति या चेहरे की अभिव्यक्ति, या
हाथ और पैर की क्रिया आपके भाषण के साथ कर सकते हैं।

आप
पहले महीने के दौरान आपके नवजात शिशु की पहली मुस्कान की एक झलक या शायद पहली हँसने या खिसियाना की आवाज भी सुन सकते है।

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